इस पोस्ट में मैंने कक्षा 10 जीव विज्ञान जैव प्रक्रम : परिवहन अध्याय का प्रश्न उत्तर सहित अपलोड किया हूँ आप इस पोस्ट को पढ़ करपरिवहन से सम्बंधित सभी प्रश्नों के उत्तर आसानी से हल कर सकते हैं, Transportation Subjective Question Biology Class 10 In Hindi| Biology 3nd Chapter Subjective | Class 10 Biology 3nd Chapter Question Answer, मानव परिवहन तंत्र, परिवहन तंत्र से संबंधित प्रश्न उत्तर
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जीव विज्ञान (Biology)
अध्याय :परिवहन (Transportation)
Þ अतिलघु उत्तरीय प्रश्न
1. जीवों के शारीर में पदार्थों के स्थानांतरण के लिए विकसित तंत्र को क्या कहते हैं ?
Answer : रक्त परिवहन तंत्र |
2. संवहन ऊतक किसे कहते हैं ?
Answer : पौधों में भोज्य पदार्थों के परिवहन को सम्पादित करने वाले ऊतक को संवहन ऊतक कहते हैं |
3. चालनी नलिकाएं कहाँ पाई जाती है ?
Answer : चालनी नलिकाएं तानों की पत्तियों में पायी जाती है |
4. स्थानांतरण क्या है ?
Answer : पौधों में जल और खनिज लवण और खाद्य पदार्थों को एक भाग से दुसरे भाग तक पहुँचाने की क्रिया को स्थानांतरण कहते हैं |
5. खाद्य पदार्थों का स्तानांतरण किस रूप में होता है ?
Answer : पौधों में खाद्य पदार्थों का स्तानांतरण सुक्रोज के रूप में होता है |
6.वाष्पोत्सर्जन किसे कहते हैं ?
Answer : पौधों के वायवीय भागों में जल का रंध्रों द्वारा वाष्प के रूप में निष्कासन की क्रिया वाष्पोत्सर्जन कहलाता है |
7. खनिज लवणों का अवशोषण किस रूप में होता है ?
Answer : आयन के रूप में |
8. खाद्य–पदार्थों का स्थानांतरण क्यों जरुरी है ?
Answer : पौधों में खाद्य पदार्थों का स्थानांतरण पोषण के लिए आवश्यक है |
9. रक्त के विभिन्न अवयवों के नाम लिखें |
Answer : (i) पलाज्मा, (ii) लाल रक्त कोशिकाएं , (iii) श्वेत रक्त कोशिकाएं , (iv) रक्त पट्टिकाणु
10. रक्त परिसंचरण तंत्र के तीन प्रमुख अवयवों के नाम लिखें |
Answer (i) रक्त(ii) ह्रदय (iii) रक्त वाहिनियाँ
11. रक्त किस प्रकार का ऊतक ?
Answer : तरल संयोजी ऊतक
12. लाल रक्त कोशिकाओं का निर्माण शरीर में कहाँ होता है ?
Answer : अस्थि मज्जा में
13. मनुष्य में लाल और श्वेत रक्त कोशिकाओं का अनुपात क्या है ?
Answer : 99:1
14. रक्त लाल क्यों दीखते हैं ?
Answer: रक्त में मौजूद हिमोग्लोबिन के कारण |
15. मनुष्य के ह्रदय में चार कौन–कौन से वेश्म होते हैं ?
Answer : (i) दायाँ अलिंद (ii) बायाँ अलिंद(iii) दायाँ निलय (iv) बायाँ निलय
16. शरीर के सभी भागों में अशुद्ध रक्त को ह्रदय के दायें अलिंद में ले जानेवाले रक्त वाहिनियों के नाम लिखें |
Answer: अग्र महाशिरा तथा पश्च महाशिरा |
17. ह्रदय के बायें अलिंद–निलय छिद्र पर स्थित कपाट का नाम लिखें |
Answer : द्विदली कपाट
18. फेफड़े से शुद्ध रक्त को बायें अलिंद में ले जानेवाली रक्तवाहिनी का नाम लिखें |
Answer: फुफ्फुस धमनी |
19. ह्रदय के वेश्मों का संकुचन क्या कहलाता है ?
Answer : सिस्टोल |
20. शरीर ऐसी धमनी का नाम लिखें जिनमे विऑक्सीजनित रक्त प्रवाहित होता है |
Answer: फुफ्फुस धमनी |
21. शरीर की ऐसी शिरा का नाम लिखें जिनमे ऑक्सीजनित रक्त प्रवाहित होता है |
Answer : फुफ्फुस शिराएँ
22. विभिन्न शिरिकाएं आपस में जुड़कर किस रक्तवाहिनी का निर्माण करती है ?
Answer : शिरा |
23. दायाँ और बायाँ अलिंद एक दुसरे से किस रचना के द्वारा अलग होता है ?
Answer : सेप्टम द्वारा
24.रक्तचाप की माप किस उपकरण से की जाती है ?
Answer : स्फिगनोमैनोमिटर
Þ लघु उत्तरीय प्रश्न
1. पौधों में पदार्थों के परिवहन की परिभाषा लिखें |
Answer : समस्त उपयोगी पदार्थों को उनके मूल श्रोतों से शरीर की कोशिकाओं तक लाना तथा अनुपयोगी और हानिकारक पदार्थों कोशिकाओं से बहार निकलकर उन अंगों तक पहुँचाना जहाँ से वे शारीर के बाहर निकाल दिए जाएँ , पदार्थों का परिवहन कहलाता है |
2. पौधों में जाइलम–वाहिनियों में जल का स्थानांतरण किस प्रकार होता है ?
Answer : पौधों में जाइलम–वाहिनियों में जल का स्थानांतरण जड़ से लेकर पत्तियों तक होता है |
3. मूलरोम की कोशिकाओं में जल कैसे पहुँचता है ?
Answer : कोशिका में कोशिका रस का परासरण – दाब भूमिजल के दाब से अधिक होने से जल विसर्जन द्वारा मूलरोम की कोशिकाओं में जल प्रवेश कर जाता है |
4. वाष्पोत्सर्जन क्रिया का पौधों के लिए क्या महत्त्व है ?
Answer : पौधों के मूल चोटी तक लगातार जल की धारा वाष्पोत्सर्जन के द्वारा ही प्रवाहित होती है | यह खनिज व अवशोषण एवं परिवहन में भी सहायक करता है | इसके अलावा यह पौधों में तापक्रम–संतुलन बनाये रखने में सहायक होता है |
5. एकदिशीय ववं द्विदिशीय स्थानांतरण में क्या अंतर है ?
Answer: जाइलम में जल एवं खनिज लवण का सञ्चालन ऊपर की ओर (एकदिशीय ) होता है , जबकि फ्लोएम में खाद्य–पदार्थ का परिवहन ऊपर और निचे दोनों दिशा (द्विदिशीय) होता है |
6. लाल रक्त कोशिकाएँ ऑक्सीजनवाहक है | कैसे ?
Answer : लाल रक्त कोशिकाओं में एक विशेष प्रकार का प्रोटीन वर्णक हिमोग्लोबिन पाया जाता है जिसमे ऑक्सीजन को संयोजन करने की क्षमता होती है | इसी गन के कारण इसे ऑक्सीजनवाहक कहा जाता है |
7. शेत रक्त कोशिकाएं लाल रक्त कोशिकाओं से किस प्रकार भिन्न है ?
Answer:
लाल रक्त कोशिका |
श्वेत रक्त कोशिका |
1. इनकी संख्या अधिक होती है | 2. इसमें हिमोग्लोबिन वर्णक पाया जाता है 3. इसका रंग लाल होता है | 4. इसका मुख्य कार्य ऑक्सीजन का वाहक | |
1. इनकी संख्या लाल रक्त कोशिका से कम होती है | 2. इसमें हिमोग्लोबिन वर्णक नहीं पाया जाता है | 3. यह रंगहीन होता है | 4. यह रोगों से लड़ने का कार्य करता है | |
8. रक्त पट्टिकाणु का क्या महत्त्व है ?
Answer : ये थ्रोम्बोसाइट्स कहलाते हैं | ये रक्त को थक्का बनाने में सहायक होते है |
9. धमनी और शिरा में अंतर बताइए |
Answer:
धमनी |
शिरा |
1. धमनी में शुद्ध रक्त बहता है | 2. यह रक्त को ह्रदय से शरीर के विभिन्न भागों में ले जाता है | 3. इसकी दीवार मोटी एवं लचीली होती है | 4. धमनी कपाटहिन् होती है | |
2. शिरा में अशुद्ध रक्त बहता है | 2. यह रक्त को शरीर के विभिन्न भागों से ह्रदय में ले जाता है | 3. शिरा की दीवार धमनी की अपेक्षा पतली होती है | 4. शिरा में कपाट लगा होता है |
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10. रक्त के द्विगुण परिवहन का क्या अर्थ है ?
Answer : परिवहन के एक चक्र को पूरा करने में रक्त ह्रदय से होकर दो बार गुजरता है | इस प्रकार रक्त का परिवहन द्विगुण परिवहन कहलाता हिया | इसमें रक्त का अर्थ ह्रदय में भरना फिर उसका बाहर निकलना एक चक्र कहलाता है |
Þ दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
1. जाइलमऔर फ्लोएम के मुख्य भेदों को लिखें |
Answer:
(i) फ्लोएम में ये वाहिकाएं पत्तियों द्वारा बनाये गए भोजन को पौधे के विभिन्न भागों तक पहुंचाती है , जबकि जाइलम में ये जल और खनिज लवणों को जड़ों से पौधे के उपरी भागों तक पहुंचाते है |
(ii) फ्लोएम में ये जीवित ऊतक होते हैं , जबकि जाइलम में ये मृत ऊतक होते हैं |
(iii) फ्लोएम में चालनी नलिकाएं , फ्लोएम मृदुतक और फ्लोएम रेशे पाए जाते हैं , जबकि जाइलम में वाहिकाएं, वाहिनिकाएं, जाइलम मृदुतक तथा काष्ठ रेशे पाए जाते हैं |
2. लम्बे वृक्षों में पूरी ऊंचाई तक जल कैसे चढ़ता है ? समझाएँ |
Answer:
एक कोशिकीय पौधे तथा क्लैमाइडोमोनस, उग्लिना एवं सरल बहुकोशिकीय शैवालों में पदार्थों का परिवहन विसरण क्रिया द्वारा होता है | किन्तु जटिल बहुकोशिकीय पौधों में जल एवं खाद्य –पदार्थों के परिवहन के लिए विशेष परिवहन तंत्र होता है | इस पौधों में जाइलम एवं फ्लोएम विशिष्ट परिवहन ऊतक होते है | ये लम्बी नलिकाओं के रूप में होती है | ये ऊतक जड़ से ताना एवं पत्तियों तक फैले होते है | पत्तियों में ये शिराएँ एवं उनकी शाखाओं के रूप में देखि जा सकती है | जल एवं खनिज लवणों को जड़ में मौजूद जाइलम पत्तियों तक पहुंचाते हैं | प्रकाश-संश्लेषण क्रिया द्वारा निर्मित भोज्य पदार्थों को फ्लोएम पौधों के विभिन्न अंगों तक पहुंचाते हैं | इस प्रकार बड़े वृक्षों में विभिन्न ऊंचाई तक जल का संवहन होता है | जाइलम को जल संवाहक ऊतक भी कहा जाता है |
3. पौधों में खाद्य पदार्थो के परिवहन की केरिय कैसे संपन्न होती है ? सचित्र वर्णन करें |
Answer:
पौधों में खाद्य पदार्थों एवं अन्य पदार्थों जैसे एमिनो अम्ल का स्थानांतरण पौधों में सदा अधिक सांद्रता वाले भागों से कम सांद्रता वाले भागों की ओर होता है | अधिक सांद्रता वाले भागों को संभरण-सिरे और कम सांद्रता वाले भागों को उपभोग सिरे कहते हैं | खाद्य पदार्थों का स्थानांतरण फ्लोएम की चालनी नलिकाओं द्वारा होता है | ये नलिकाएं अत्यंत छोटे छिद्रों वाले प्लेट से जुडी रहती है | अतः ये नलिकाएं खाद्य पदार्थों के स्थानांतरण के लिए विशेष रूप से उपयुक्त है |
4. मनुष्य की रक्त की संरचना का वर्णन करें |
Answer:
रक्त एक तरल संयोजी ऊतक है | रक्त गाढ़ा क्षारीय तरल पदार्थ है जिसमे 55% प्लाज्मा(Plasma) तथा शेष 45% रक्त (Blood)कोशिकाएं पाई जाती है जिसकी संरचना निम्नलिखित है –
(i) प्लाज्मा (Plasma) :- यह हलके पीले रंग का चिपचिपा द्रव है | यह रक्त में लगभग 55% होता है | इनमे 90% जल, 7% प्रोटीन, 0.9% अकार्बनिक लवण , 0.18 % ग्लूकोस , 0.5% वषा तथा शेष कार्बनिक पदार्थ होते हैं|
(ii) रक्त कोशिकाएं (Blood Cells) : – आयतन के हिसाब से यह कुल रक्त के करीब 45% भाग है | स्त्रियों में इसके संख्या कम तथा पुरुषों में अधिक होती है | रक्त कोशिकाएं तीन प्रकार की होती है –
(A) लाल रक्त कोशिकाएं (Red Blood Cells) :- इसमें एक विशेष प्रकार का प्रोटीन वार्नक हिमोग्लोबिन पाया जाता है | हिम्ग्लोबिं के कारण रक्त का रंग लाल दीखता है | यह ऑक्सीजन का वाहक होता है | मनुष्य पर्तिदिन लगभग 30 लाख लाल रक्त कणिकाओं का निर्माण करता है और इतना ही नष्ट भी होते रहता है | RBC श्वसन के द्वारा लिए गए ऑक्सीजन को संयोजित कर ऑक्सीहिमोग्लोबिन बनाता है |
(B) श्वेत रक्त कोशिकाएं (White Blood Celss) :- ये अनियंत्रित आकर की न्यूक्लियस युक्त कोशिकाएं हैं | ये रंगहीन कोशिकाएं है | इनकी संख्या RBC की अपेक्षा कम होती है | WBC हमरे शरीर में रोगाणुओं से रक्षा करता है | यह हमारे शरीर में एंटीबाडी का निर्माण करता है |
(C) प्लेटलेट्स (Platelets:- यह अनियंत्रित आकर का तारानुमा कोशिकाएं हैं | इनकी संख्यां रक्त में पार्टी घन मिलीलीटर 1.5 से 3 लाख तक होती है | इसे थ्रोम्बोसाइट्स भी कहते हैं | यह रक्त को थक्का बनाने में सहायक होता है |
5. मनुष्य का ह्रदय का एक नामांकित चित्र बनायें | वर्णन की आवश्यकता नहीं हैं |
6. मनुष्य के ह्रदय की संरचना का सचित्र वर्णन करें |
Answer:
ह्रदय का आकर तिकोना होता है | इसका चौड़ा भाग आगे की ओर और संकरा भाग पीछे की ओर है तथा बाईं तरफ झुका होता है | ह्रदय पेरिटोनियम की एक दोहरी झिल्ली से घिरा होता है जिसे पेरिकार्डियमकहा जाता है | पेरिकार्डियम के बिच पेरिकार्डियल द्रव्य भरा रहता है जो ह्रदय को घर्सन से बचाता है | मनुष्य तथा मैमेलिया वर्ग के जंतुओं में चार वेश्म होते हैं जो दायाँ और बायाँ अलिंद तथा दांयाँ और बायाँ निलय कहलाते हैं | दायाँ और बायाँ अलिंद अंतराअलिंद भित्ति द्वारा एक दुसरे से अलग होते है | दायाँ और बयां निलय अंतरानिलयभित्ति द्वारा अलग रहते हैं |
दायाँ अलिंद दायें निलय में एक छिद्र , जिसे दायाँ अलिंद-निलय छिद्र कहते है के द्वारा खुलता है | इस छिद्र पर एक कपाट पाया जाता है जो रक्त को दायें अलिंद से दायें निलय में जाने देता है,परन्तु वापस आने नहीं देता है | इसी प्रकार बायें अलिंद बाएं निलय में बायाँ अलिंदनिलय छिद्र के द्वारा खुलता है | दायें निलय के अगले भाग की बाईं ओर से एक बड़ी फुफ्फुस चाप निकलती है | फुफ्फुस चाप के निकलने के स्थान पर तीन अर्धचन्द्राकार वाल्वस्थित होते हैं | इस वाल्व के कारण रक्त दायें निलय में जाता है परन्तु फिर वापस नहीं जाता है | फुफ्फुस चाप आगे की ओर दाई और बाई फुफ्फुस धमनियों में बंट जाता है |
7. मनुष्य के ह्रदय की कार्यविधि को समझाएँ |
Answer:
ह्रदय शरीर के सभी भागों से अशुद्ध रक्त को ग्रहण करता है और फिर अशुद्ध रक्त को शुद्ध करने के लिए फेफड़े में भेजता है | ह्रदय पुनः उस शुद्ध रक्त को फेफड़े से ग्रहण करता है और शरीर के विभिन्न भागों में पम्प करदेता है जिससे सम्पूर्ण शरीर में रक्त का परिसंचरण होता है | यह कार्य ह्रदय के वेश्मों –अलिंद और निलय में बारी – बारी से संकुचन के द्वारा संपन्न होता है | ह्रदय के वेश्मों का संकुचन सिस्टोल तथा शिथिलन डायस्टोलकहलाता है | शरीर के विभिन्न भागों से अशुद्ध रक्त अग्रमहाशिरा तथा पश्चमहाशिरा के द्वारा दायें अलिंद में पहुँचता है | फेफड़े से शुद्ध रक्त फुफ्फुस शिरा के द्वारा बांयें अलिंद में पहुँचता है | इसके बाद दोनों अलिंदों में संकुचन तथा साथ-साथ दोनों निलयों में शिथिलन होता है जिसके फलस्वरूप अशुद्ध रक्त दायें अलिंद में दायाँ अलिंद-निलय छिद्रद्वारा दायें निलय में तथा शुद्ध रक्त बाएं अलिंद से बाएं अलिंद-निलय छिद्र द्वारा बाएं निलय में पहुँचता है | जब दोनों अलिंद खाली हो जाता है तब दोनों निलय रक्त से भर जाता है | इस प्रकार ह्रदय अपना कार्य संपन्न करता है |
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